• بسم الله الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ

    अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला ह

  • اَللّـهُمَّ اَرِنيِ الطَّلْعَةَ الرَّشيدَةَ ، وَ الْغُرَّةَ الْحَميدَةَ

    ऐ खुदा ! हिदायत का वो जमाल और मारेफ़त की वो पेशानी मुझे दिखा ।

  • وَ اكْحُلْ ناظِري بِنَظْرَة منِّي اِلَيْهِ

    उनके दीदार व विसाल का सुर्मा मेरी आँखों में लगा दे ।

  • وَ عَجِّلْ فَرَجَهُ وَ سَهِّلْ مَخْرَجَهُ ، وَ اَوْسِعْ مَنْهَجَهُ وَ اسْلُكْ بي مَحَجَّتَه

    उनके ज़हूर में ता-जील फरमा । और उनका ख़ुरूज आसन फरमा , उनके लिए रास्ता कुशादा कर दे । और मुझे उनके रास्ते पर ले आ ।

  • وَ اَنْفِذْ اَمْرَهُ وَ اشْدُدْ اَزْرَهُ ، وَ اعْمُرِ اللّـهُمَّ بِهِ بِلادَكَ ، وَ اَحْيِ بِهِ عِبادَكَ

    और उसके हुक्म को नाफ़िज़ । उसकी पुश्ती बानी कर ,और ऐ खुदा ! उनके हाथ से राज्य को आबाद कर और अपने बन्दों को उसके वसीले से ज़िन्दा फरमा ।

  • فَاِنَّكَ قُلْتَ وَ قَوْلُكَ الْحَقُّ ، ظَهَرَ الْفَسادُ فِي الْبَرِّ وَ الْبَحْرِ بِما كَسَبَتْ اَيْدِي النّاس

    क्यूंकि तूने तो खुद क़ुरान में फ़रमाया है ,और तेरा कहा हुआ हक़ है ।जैसा कि तूने फ़रमाया : समुन्द्रों और ज़मीन पर फसाद और बिगाड़ इन्सान के आमाल की वजह से ज़ाहिर होता है ।

  • فَاَظْهِرِ الّلهُمَّ لَنا وَلِيَّكَ،‌ وَ ابْنَ بِنْتِ نَبِيِّكَ الْمُسَمّى بِاسْمِ رَسُولِكَ (صَلّى اللّهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ وَ سَلّمَ)

    पस ऐ खुदा हमारे लिए अपने प्रतिनिधि को ज़ाहिर कर और अपने रसूल की बेटी के बेटे को जो कि हम नाम-ए रसूल है उसको ज़ाहिर फरमा दे ।

  • حَتّى لا يَظْفَرَ بِشَيْء مِنَ الْباطِلِ اِلّا مَزَّقَهُ ، وَ يُحِقَّ الْحَقَّ وَ يُحَقِّقَهُ

    यहाँ तक कि वह हर बातिल से दूर रहकर हक़ को साबित करे और कायेम करे ।

  • وَ اجْعَلْهُ اَللّـهُمَّ مَفْزَعاً لِمَظْلُومِ عِبادِكَ وَ ناصِراً لِمَنْ لا يَجِدُ لَهُ ناصِراً غَيْرَكَ

    और खुदाया उसे सितम रसीदा बन्दों के लिए पनाह बना दे । और उन लोगों का यावर बना दे । जिनका तेरे सिवा कोई नही ।

  • وَ مُجَدِّداً لِما عُطِّلَ مِنْ اَحْكامِ كِتابِكَ ، وَ مُشَيِّداً لِما وَرَدَ مِنْ اَعْلامِ دينِكَ وَ سُنَنِ نَبِيِّكَ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَ آلِهِ

    जो तेरी किताब के उन अहकामात की तजदीद करने वाला हो जिन्हें निलंबित कर दिया गया । और जो कुछ तेरे दीन और तेरे पैगम्बर के पैगाम को पहुचाने वाला हो ।

  • بِرَحْمَتِكَ يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ

    यह सब तेरी मेहरबानी से मुमकिन है । ऐ सब मेहरबानों से बढ़ कर मेहरबान ।